52 Gaj Ka Daman Lyrics Meaning (Translation) In Hindi - Renuka Panwar
52 Gaj Ka Daman lyrics and meaning in Hindi अमन जाजी और प्रांजल दहिया अभिनीत गाना 52 गज का दामन पेहर मटक चालूंगी रेणुका पनवार (Renuka Panwar) द्वारा गाया गया एक हरियाणवी गीत है। बहुत सारे 52 गज का दामन पेहर मटक चालूंगी गाने का अर्थ मतलब (meaning) नहीं जानते हैं। और कुछ लोग 52 गज का दामन पेहर मटक चालूंगी केे बोल (lyrics) नही जानते हैं। तो, यहाँ हिंदी में 52 गज का दामन पेहर मटक चालूंगी गाने के लिरिक्स और meaning पढ़ें ।
Song – 52 Gaj Ka Daman
Singer – Renuka Panwar
Lyrics – Mukesh Jaji
Music – Music MJ (Aman Jaji)
52 Gaj Ka Daman Lyrics Meaning In Hindi
अपना रूप रंग सजाऊ मेहंदी हाथों में लगवाऊ | मैं अपना रूप रंग सजाऊंगी, और हाथों में मेहंदी लगाउंगी। |
पायल कंगन भी मंगवाऊ, फिर नीर भरन मैं जाऊ । | फिर पायल और कंगन भी मँगवाऊंगी, फिर उसके बाद मैं पानी भरने जाऊंगी । |
पायल कंगन भी मंगवाऊ, फिर नीर भरन मैं जाऊ । | फिर पायल और कंगन भी मँगवाऊंगी, फिर उसके बाद मैं पानी भरने जाऊंगी । |
घूंघट कांडा सा काढू ना कसर खालूंगी | घूंघट ओढ़ना था, पर टेड़ा सा ओढूंगी, आज कोई कसर नही छोड़ूँगी |
52 गज का दामन पेहर मटक चलूंगी 52 गज का दामन पेहर मटक चलूंगी | बावन (52) गज का दामण (शब्दार्थ = हरयाणवी ड्रेस) पहन कर मटक मटक कर चलूंगी। 52 गज का दामण पहन कर, मटक मटक कर (मटक=इतराना) चलूंगी। |
गावं में होवेगा आज खुड़का जूती मड़कन आली पेहरू | आज गांव में बोलबाला होगा जब मैं ऊंची एड़ी वाली जूती पहनूंगी (अर्थात सब लोग मेरी ही बात करेंगे) |
छिड़ेगी बहुवा में टकरार जब मैं हवा की तरियां लेहरू | गाँव की बहुओ में तकरार होगी जब मैं हवा की तरह लेहरा कर चलूंगी |
सोने की गुठी गले में हार डालूंगी | मैं हाथों में सोने की अंगूठी और गले में हार पेहनूंगी |
52 गज का दामन पेहर मटक चलूंगी | बावन गज का दामण पहन कर, इतरा के चलूंगी। |
52 गज का दामन पेहर मटक चलूंगी | बावन गज का दामण पहन कर, इतरा के चलूंगी। |
झुमके कान्या के नए ल्याने मोटा पेहरना से कोका | कानो के नये झुमके लाने है, और नाक में कोका भी मोटा पहनना हैं। |
टिक्का लाल रंग का ल्याने देना तगड़ी ते मोक्का | लाल रंग का टिका भी लाना है और तगड़ी को भी हिलने का मौका देना है। |
मेरी चोटी न्यू बोले दुंगे गेल हालूंगी | मेरी चोटी ये केहती हैं ‛आज मोहल्ला हिला दूँगी’ |
52 गज का दामन पेहर मटक चालूंगी | बावन गज का दामण पहन कर, इतरा के चलूंगी। |
52 गज का दामन पहर मटक चालूंगी | बावन गज का दामण पहन कर, इतरा के चलूंगी। |
मेरा बलम कमावे चोखे लाने चूंदर में सित्तारे | मेरे पति अच्छा पैसे कमाते है, और मुझे भी अपनी चुनरी में सितारे लगवाने है। |
मुकेश जाजी तेरी कलमिया लिखे गीत प्यारे | मुकेश जाजी (लिरिक्स लेखक का नाम) तेरी कलम बहुत प्यारे गाने लिखती है। |
होंठो पे लाली आँख्यां काजल गालुंगी | होठो पर लाली लिपस्टिक और आँखों में काजल लगाउंगी |
52 गज का दामन पेहर मटक के चालूंगी | 52 गज का दामन पहन कर, मटक-मटक के चलूंगी |
52 गज का दामन मटक के चालूंगी | 52 गज का दामन पहन कर, मटक-मटक के चलूंगी। |
52 Gaj Ka Daman Video